एतिहासिक चक्रधर समारोह में नहीं दी जाती न्यौता …राजमाता ने की जिला प्रशासन से रायगढ़ राजा के सम्मान की मांग
रायगढ़ । रायगढ़ की ऐतिहासिक गणेश मेला एवम चक्रधर समारोह देश विदेश में विख्यात है। रायगढ़ राजा चक्रधर सिंह जी की स्मृति में आयोजित यह समारोह शासकीय समारोह का रूप ले लिया है। राजा चक्रधर सिंह संगीत के बेहद शौकीन रहे हैं। राज दरबार में संगीत का आयोजन हुआ करता था। राजा जी के जन्मदिवस गणेश चतुर्थी के दिन ही हुआ था,ऐसे में इसी दिन से ही राजमहल में गणेश मेला लगती थी । इसी परंपरा को जीवित रखते हुए चक्रधर समारोह का आयोजन पिछले कई सालों से किया जा रहा है।
एतिहासिक चक्रधर समारोह 2024 7 सितंबर से स्थानीय रामलीला मैदान में प्रारंभ होने जा रही है। जिला प्रशासन ने इसके लिए पुख्ता तैयारी कर रही है । मंच निर्माण से लेकर कलाकार चयन और कार्यक्रम सूची घोषित हो गया है। कलाकार चयन समिति में राज घराने के सदस्य भी हैं।उनकी राय भी ली जाती है। राज घराने से सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह जी, सहित और भी सदस्य हैं। लेकिन आज रायगढ़ राज घराने की राजमाता श्रीमति कुमुदिनी सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर चक्रधर समारोह आयोजन समिति जिला प्रशासन पर यह आरोप लगाया कि उनका समारोह में कोई सम्मान और पूछ परख नहीं हो रही है। मेरे बड़े सुपुत्र युवराज सतबीर सिंह को राज गद्दी पर आसीन की गई है। चूंकि राजा सतबीर नाबालिक है अस्तु उसके सरंक्षण बलि माता कुमुदिनी सिंह है । प्रेस कांफ्रेंस के साथ साथ जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर राजमाता ने कहा कि राज परिवार का अपना रीति नीति और विधान होता है।जिसके अनुसार राजगद्दी का हक और आसीन किया जाता है। राजा ललित कुमार सिंह के निधन के पश्चात उनके सबसे बड़े पुत्र विजय बहादुर सिंह को राज तिलक कराया गया । राजा विजय बहादुर सिंह के निधन के बाद उनके बड़े पुत्र लोकेश बहादुर को गद्दी सौंपी गई। चूंकि लोकेश बहादुर के कोई संतान नहीं है इस लिए विशाल बहादुर को राजगद्दी में आसीन की गई तथा विशाल बहादुर सिंह के निधन के बाद विशाल बहादुर के बड़े पुत्र युवराज सतबीर सिंह को गद्दी पर बिठाया गया है। राज परिवार के नियमानुसार राजा के मृत्य हो जाने पर राजगद्दी को राजा विहीन नही किया जाता इसलिए उत्तराधिकारी का राज तिलक होने के बाद ही दाह संस्कार किया जाता है। वर्तमान में रायगढ़ राज परिवार के उत्तराधिकारी युवराज सिंह है जो नाबालिक है तथा उसके बालिमाता कुमुदिनी सिंह संरक्षक है । राजमाता ने बताया कि राजपरिवार महान संगीतज्ञ महाराजा चक्रधर सिंह के गणेश मेला को राज्य सरकार द्वारा प्रति वर्ष मनाया जाता है लेकिन राज परिवार के उत्तराधिकारी युवराज सतबीर सिंह को आमंत्रित नही किया जाता इसके लिए उन्हें काफी दुख है।राजमाता ने जिला प्रशासन से निवेदन और मांग किया है युवराज सतबीर सिंह को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाना राज परिवार के लिए सही सम्मान होगा । राजमाता ने बताया कि राज महल का रंग रोगन सजावट भी नही की जा रही है यही नहीं राजमहल में हर साल गणेश मूर्ति स्थापित किया जाता है वह भी बंद कर दी गई है।ऐसे में महान संगीतज्ञ महाराजा चक्रधर सिंह जी का भी सही सम्मान नही हो रही है।
विडंबना यह है कि अब राज परिवार को अपने सम्मान की मांग प्रशासन से करनी पड़ रही है जबकि राज परिवार से देवेंद्र प्रताप सिंह जैसे राज्य सभा सांसद भी है।
इस संबंध में जिला प्रशासन का पक्ष रखने के लिए अपर कलेक्टर राजीव पांडेय जी से मोबाइल पर संपर्क किया गया लेकिन उनसे बात नही हो सका । अनुविभागीय अधिकारी राजस्व प्रवीण तिवारी जी ने कहा कि वह पक्ष रखने के लिए जिम्मेदार नहीं हैं लेकिन जैसा कि सम्मान और न्यौता वाली बात है अभी किसी को निमंत्रण पत्र नही दी गई है। जरूर उन्हे निमंत्रित किया जाएगा।