महाधिवेशन में महिलाओं ने किया अनुभव साझा, प्रस्तुत किए आजीविका मॉडल…संरक्षित जल, सुरक्षित कल : जल संरक्षण और जलवायु पुनर्स्थापना को बढ़ावा देने 12 वां वार्षिक महाधिवेशन का हुआ आयोजन…
रायगढ़, 8 नवम्बर 2024/ रायगढ़ महिला संघ का बारहवां वार्षिक महाधिवेशन का आयोजन रायगढ़ के शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी स्टेडियम में हुआ। इस वर्ष के महाधिवेशन का विषय ‘संरक्षित जल, सुरक्षित कल’ जिसके तहत जल संरक्षण और जलवायु पुनर्स्थापना को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिसमें विधायक श्री उमेश पटेल एवं जिला पंचायत अध्यक्ष श्री निराकार पटेल शामिल हुए। कार्यक्रम में अतिथियों ने महिला संघ की एकता, समर्पण और प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि रायगढ़ महिला संघ ने गांवों में सतत् विकास और समृद्धि की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 150 से अधिक कैडरों/ट्रेनरों को अपने उत्कृष्ट कार्य के लिए रायगढ़ महिला संघ ने सराहना की।
महाधिवेशन का शुभारंभ महिला संघ की रैली से हुआ जो अंबेडकर चौक से निकलकर कार्यक्रम स्थल तक पहुँची। इस दौरान बीएलएफ अध्यक्ष कमला पटेल ने रायगढ़ महिला संघ की वार्षिक उपलब्धियों की जानकारी दी। बिहान शाखा के अभिक बसु ने 172 हितग्राहियों के जल संरक्षण हेतु विभिन्न संरचनाओं के निर्माण के प्रस्ताव जमा किए। कार्यक्रम में सभी सीएलएफ ने सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से विशेष प्रस्तुतियाँ दी एवं वरिष्ठ महिला सदस्यों का सम्मान किया गया। जिन्होंने अपने अनुभव साझा कर नई पीढिय़ों को प्रेरित किया। जल संरक्षण पर आधारित संरक्षित जल, सुरक्षित कल प्रतियोगिता को प्रदान संस्था से विद्याधर प्रधान, अरविन्द सिंह, नरेश बारा और रामआशीष चौहान द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें प्रश्नोत्तरी के माध्यम से जल संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास किया गया।
इस अवसर पर जनपद अध्यक्ष भूमिसता चौहान, डीडीसी संगीता गुप्ता, बीडीसी पदमिनी मेहर, अतिरिक्त जनपद पंचायत सीईओ सनथ नायक, पशु विभाग से तृप्ति सिंह, कृषि विभाग से अभिषेक पटेल एवं माधुरी त्रिपाठी, केवीके से केडी महंत, जनपद पंचायत से रोशनी दुबे और प्रदान से सत्य नारायण बेहेरा, राकेश इक्का, संजय पांडा, जिंदल सीएसआर से रोशनी स्वर्णकार एवं प्रथम संस्था के सदस्य भी उपस्थित रहे।
महिला समूह ने प्रस्तुत किए आजीविका मॉडल
महिला संघ द्वारा तैयार किए गए कई आजीविका मॉडल जैसे बहु-परत खेती, मुर्गी पालन, मशरूम उत्पादन, टपक सिंचाई मॉडल, मचान विधि, एकीकृत आजीविका और विविधीकरण जैसे विभिन्न मॉडल महाधिवेशन में लगाए गए थे। इन मॉडलों का निर्माण महिला समूहों ने जल संरक्षण की थीम को ध्यान में रखकर किया था। इन योजनाओं में प्राकृतिक खेती, जैविक उत्पाद, पशुपालन और हस्तशिल्प जैसी गतिविधियाँ शामिल थीं।
महिलाओं ने साझा किए अपने संघर्ष
मेरी जुबानी मेरी कहानी कार्यक्रम के तहत 20 महिलाओं ने मंच पर अपनी जीवन यात्रा और संघर्षों की कहानियाँ साझा कीं, जिससे अन्य सदस्यों को प्रेरणा मिली। इस आयोजन में महिला सशक्तिकरण का जीवंत उदाहरण प्रस्तुत किया गया, जिसमें सभी ने एकता और समर्पण का संदेश दिया।