विचार गोष्ठी

विश्व मानवाधिकार दिवस पर विचार गोष्ठी का हुआ आयोजन


रायगढ़/ विश्व मानवधिकार दिवस पर “हमारे अधिकार हमारा भविष्य” विषय पर जननायक रामकुमार अग्रवाल जनशताब्दी समारोह में विचारगोष्ठी केवड़ा बाड़ी सामुदायिक भवन रायगढ़ में जिला बचाओ संघर्ष मोर्चा एवं जनसंगठनों की उपस्थिति में संपन्न हुआ। जिसमें अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर मानवधिकार स्थितियों एवं परिस्थितियों पर विचार विमर्श किया गया।

विचार गोष्ठी में विमर्श करते हुए उल्लेखित किया गया कि मानवाधिकारों के सार्वभौम मौलिक अधिकारों की रक्षा और उसके अनुपालन के लिए जन जागरूकता तथा चेतना विकसित करना ही विश्व मानव अधिकार दिवस का मुख्य उद्देश्य है। दुनिया को मानवाधिकारों के बारे में शिक्षित करने व मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा को मानवता के हितों की रक्षा करने की प्रतिबद्धता के साथ मनाना होता है। मानवाधिकार सार्वभौमिक अधिकार हैं। ये अधिकार सभी में निहित हैं, चाहे किसी व्यक्ति की राष्ट्रीयता, लिंग, धर्म, भाषा, या कोई और स्थिति कुछ भी हो. मानवाधिकारों में समानता, जीवन का अधिकार, भोजन, शिक्षा, काम, स्वास्थ्य, और आज़ादी जैसे अधिकार शामिल हैं।
विश्व स्तर पर इस वर्ष 2024 का मुख्य थीम ,एजेंडा या विषय “हमारे अधिकार हमारा भविष्य” घोषित किया गया। इसका मतलब यह है हमारे अधिकारों की रक्षा व सुरक्षा में ही हमारा उज्ज्वल और सुंदर भविष्य सुनिश्चित है। इस विषय पर मानव अधिकार कार्यकर्ताओं, सरकारों एवं आम जनता को पूरी गंभीरता से कार्य करने की आवश्यकता है।इसे मुख्य रूप से रेखांकित किया गया।

विमर्श में इस बात पर जोर देते हुए कहा गया कि – “विशेषतया भारत में, भारत का संविधान हमारे मानव अधिकार, हमारे मौलिक अधिकारों एवं सुंदर भविष्य के सुरक्षा का दस्तावेज़ है। अतः भारत के संविधान की रक्षा करना ,उसका अनुपालन करना हमारा प्रधान दायित्व एवं कर्तव्य होना चाहिए।” हमारे देश में शिक्षा, चिकित्सा, गरीबी, भुखमरी, आवास, जाति, धर्म, भाषा , क्षेत्र, लिंग इत्यादि को लेकर संविधान में प्रावधान होने के बावजूद व्यवहार और जमीनी स्तर पर काफी असमानताएं दिखाई पड़ती है।।जब इसमें सरकारें या सत्ता (सियासत) प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप संरक्षण या सहयोग प्रदान करती है तब मानव अधिकार कहीं सिसकती तो कहीं दम तोड़ती दिखाई पड़ती है। जिस पर काफी गहरी चिंता व्यक्त की गई ।

विमर्श में यह बात भी उभर कर सामने आई कि – देश की आज़ादी के प्रारंभिक दशकों में संसदीय सत्र से जो नारे सड़कों से संसद तक गूंजती थी – ” राष्ट्रपति का बेटा हो या चपरासी की संतान ,शिक्षा मिले सबको एक समान।, ।शिक्षा स्वास्थ्य रोटी कपड़ा और मकान ,मांग रहा है हिंदुस्तान । जब तक भूखा इंसान रहेगा , धरती पर तूफान रहेगा।। धार्मिक सद्भभाव की रक्षा करो।, राष्ट्रीय एकता अखंडता की रक्षा करो। , संविधान की रक्षा करो।आज आज़ादी के 75 वर्षों के बाद आज़ादी का अमृत महोत्सव वर्ष मनाने के बाद भी ये नारे और भी तेज स्वर में गुंजित होते हैं। यह काफी चिंताजनक है। इस पर ध्यान देने की जरूरत है।

मानव अधिकार की चेतना और जागरूकता से जहां मानवीय मूल्यों, आदर्शों ,नैतिकता और इंसानियत का सुंदर सुनहरा सार्वभौम दृश्य देखने को मिला,वहीं कुछ जगहों पर मानवाधिकारों का बहुत बदनुमा चेहरा सामने आया है। कई सरकारों ने तो मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को ही सुरक्षित नहीं रखा है उन्हें अपराधी, राष्ट्र द्रोही तक बनाया गया।
जिस पर वैश्विक चिंता भी उभरती है।

स्थानीय स्तर पर रायगढ़ की पृष्ठभूमि पर साथियों ने गंभीर चिंता व्यक्त की। रायगढ़ में पर्यावरण प्रदूषण को जान लेवा खतरनाक परिस्थितियों की चर्चा करते हुए यह उल्लेखित किया गया कि ” प्रदूषण (जल और वायु )खतरनाक जोन पर पहुंच गया है। मानव ही नहीं संपूर्ण जीवजगत पशु पक्षी पेड़ पौधे,सबका जीवन खतरे में है। बहुत से पशु पक्षी यहां से पलायन कर चुके हैं। लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।जब जीवन ही नहीं बचेगा तो बाकी भौतिक विकास का क्या करेंगे? सरकार प्रदूषण पर नियंत्रण करने के बजाय और उद्योगों के विस्तार की जनसुनवाई करवा रही है और ऑक्सीजन जोन की बात कर रही है। इसका मतलब है कि हमारा प्रतिनिधि अक्षम है और सरकार प्रदूषण नियंत्रण करने में असफल है। यह शर्मनाक ही नहीं गंभीर चिंता का विषय है।जब मानव जीवन सुरक्षित नहीं होगा तब ऐसी ही परिस्थिति में मानवधिकार पर प्रश्नचिन्ह लग जाते है।

सभा में इस बात पर जोर दिया गया कि संविधान की रक्षा के लिए सरकार के साथ साथ सामाजिक सांस्कृतिक संस्थाओं एवं जनसंगठनों को जनता के हर वर्ग से विशेष तौर पर विद्यार्थियों से संपर्क कर उन्हें संविधान के प्रस्तावना की जानकारी और पाठ कराया जाना चाहिए । कुछ साथियों ने आर्थिक विषमता पर कुछ साथियों ने शिक्षा और चिकित्सा के बाजारवाद, तथा बिगड़ते तनावग्रस्त होते सांप्रदायिक सद्भाव पर कुछ ने जन्म से लेकर मृत्यु तक मानव अधिकार विषय पर सार्थक विमर्श किया। बहुत ही सारगर्भित महत्वपूर्ण सफल गोष्ठी आयोजित हुई।सीनियर एडवोकेट जिला बचाओ संघर्ष मोर्चा के सचिव बासुदेव शर्मा ने आभार व्यक्त किया।

प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित-
विचार गोष्ठी में निम्नलिखित प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया जिसे महामहिम राष्ट्रपति, भारत सरकार के पास भेजा जाएगा।
1,देश में धर्म,जाति, धार्मिक सद्भभाव, भाई चारा पर लगातार मतभेद ,टकराव ,तनाव और उसे चोंट पहुंचाने की कार्यवाहियों पर रोक लगाई जाय। राष्ट्रीय एकता अखंडता और भाईचारा की रक्षा हो। राष्ट्र को सुदृढ़ किया जाय और मानवता की रक्षा हो।

2,भारत जैसे देश में भारत का संविधान ही पूरा मौलिक आधार और मानवता की सुरक्षा का दस्तावेज़ है। प्रतिदिन हमारे स्कूलों, कॉलेजों , निजी और शासकीय संस्थानों में संविधान के प्रस्तावना का पाठ किया जाना चाहिए। ताकि “हमारे अधिकार, हमारा भविष्य” को हम सुनिश्चित एवं सुरक्षित कर मानवाधिकारों की रक्षा कर सकें।

3,देश के संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए देश के विधि विशेषज्ञाें विद्वजनों की एक समिति बनाई जावे और समय समय उनकी सिफारिशों पर सरकार तत्काल कार्यवाही करे।

4,अमीर और गरीब के बीच की खाई को मिटाने आर्थिक असमानता को दूर करने हेतु ठोस नीति का निर्धारण किया जाय।

5,जीव जगत की रक्षा हेतु रायगढ़ सहित पूरे छत्तीसगढ़ में पर्यावरण प्रदूषण (जल व वायु ) को नियंत्रण करने हेतु सरकार कोई ठोस नीति निर्माण कर उस पर सख्ती से अमल किया जाए।

6, हसदेव अरण्य बिलासपुर संभाग के जीव जगत के जनजीवन एवं प्राण का बहुत बड़ा आधार है। हसदेव अरण्य की अंधाधुंध कटाई से जनजीवन संपूर्ण जीव जगत का जीवन ही संकट में पड़ जाएगा।अतः
हसदेव अरण्य की कटाई पर रोक लगाई जाए। प्राकृतिकऑक्सीजन जोन हसदेव अरण्य की रक्षा कर संपूर्ण प्राणी जगत की रक्षा की जाए।

7, जलसत्याग्रह में शहीद हुई आदिवासी महिला सत्यभामा की समाधि स्थल को जिला पंचायत द्वारा नरेगा योजनांतर्गत स्वीकृत निर्माण कार्य को अतिशीघ्र पूर्ण किया जावे। उल्लेखनीय है कि 26 जनवरी को उनकी शहादत दिवस है।।

गोष्ठी में प्रमुख रूप से सीनियर एडवोकेट जिला बचाओ संघर्ष मोर्चा के सचिव बासुदेव शर्मा, बैंकर्स रिटायर्ड संघ के साथी प्रमोद सराफ, टी के घोष, संयुक्त किसान मोर्चा के साथी मदन पटेल, सर्वोदय मंडल के साथी डॉ सुरेश शर्मा जुर्डा,शिक्षाविद पी एस खोडियार, सीनियर सिटीजन गणेश मिश्रा, प्रभाष कुमार शराप ,रामनारायण साहू सदभावना संगठन के अध्यक्ष नीलकंठ साहू, विनय शुक्ला,ट्रेड यूनियन के साथी शेख कलीमुल्लाह और गणेश कछवाहा इत्यादि साथियों ने सक्रिय भागीदारी दर्ज की। सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर ,धन्यवाद ज्ञापित कर विचार गोष्ठी का विधिवत समापन हुआ।

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