महापल्ली के ग्राम गुड़ी हनुमान मंदिर में नव पंजिका सुनने जुटे किसान,पना संक्रांति और नव पंजिका श्रवण के बाद अब किसान जुटे खरीफ फसल की तैयारी में…







रायगढ़ । जब सूर्य देव मेष राशि में प्रवेश करते हैं तो उस दिन मेष संक्रांति मनाई जाती है। जिसे ओडिशा में पना संक्रांति के नाम से जाना जाता है। जो इस बार 14 अप्रैल को मनाई गई । छत्तीसगढ़ के ओडिशा सीमा से लगे ओड़िया संस्कृति के अनुरूप रायगढ़ पूर्वांचल के ग्राम महापल्ली ग्राम गुड़ी हनुमान मंदिर में सोमवार 14 अप्रैल को पना संक्रांति हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। ग्राम गौंटिया प्रमोद कुमार गुप्ता ने हनुमान मंदिर में अपने पुरोहित पंडित जितेंद्र पंडा और मंदिर पुजारी श्रीकांत दास बैरागी के साथ मिलकर श्री हनुमान जी की पूजा अर्चना किया । होम यज्ञ संपन्न किया गया। ग्रामवासी बाल्टियों में फुल और पानी लेकर आए जिससे होम यज्ञ में पानी डाली गई। बचे हुए पानी को अपने अपने घरों में ले जा कर छिड़काव किया गया। दोपहर 3 बजे मंदिर प्रांगण में किसान बंधु उपस्थित हुए जहां पुरोहित पंडित जितेंद्र पंडा ने विधिवत पूजन अर्चन कर नव पंजिका पाठ किया जिसे किसानों तन्मयता के साथ सुनी । आपको बता दें कि नव पंजिका श्रवण के साथ ही आज से ओड़िया नव वर्ष प्रारंभ हो जाता है जिसके आधार पर लोग शादी ,मुंडन ,अन्न प्रासंन, बीजारोपण जैसे शुभ मुहूर्त देखकर कार्य प्रारंभ करते हैं। किसानों ने ब्रह्माण्ड के मंत्री मंडल के गठन की जानकारी उनके आय व्यय ,वर्षा की स्थिति , अग्नि वायु मंडल की जानकारी पंडित जी से सुनी तथा अपने नाम राशि के आधार पर खरीफ फसल के लिए शुभ मुहूर्त में मुष्टि छूने की जानकारी ली । मुष्टि छूने का मतलब यह है कि जिस किसान को पहला बीजारोपण धान का पूजन अर्चन के साथ करना होता है उसका नाम राशि शुभाशुभ होनी चाहिए । अगर किसान अपना नाम नहीं सुझता है तो वह अपने परिवार के अन्य सदस्यों का नाम सुझावता है परिवार में जिसका नाम सुझता है वही पहला बीजारोपण शुभ मुहूर्त में करता है। इस बार लाल रंग के धान की बोआई करने की सुझाव पंडित जी द्वारा दी गई है। 25 मई को रोहिणी नक्षत्र लगने के बाद अपने सुविधा अनुरूप दिशा शूल की जानकारी लेकर प्रथम बीजारोपण 4 जून 2025 से करने का शुभ मुहूर्त निकाली गई है।