रेल कॉरिडोर के लिए एस. डी. एम. ने गांव में ली बैठक , क्या कहते हैं ग्रामीण ?

रायगढ़। आज दिनांक 10 जुलाई 2023 को कोयला प्रभावित क्षेत्र तमनार के ग्राम पंचायत पेलमा में एसईसीएल कोयला प्रभावित क्षेत्र में रेल कॉरिडोर के लिए एसडीएम रिचा ठाकुर द्वारा बैठक रखा गया और क्षेत्र में कोयला परिवहन के लिए रेल कॉरिडोर बनने की बात कही । इस विषय पर ग्रामीणों ने सवाल उठाया कि हम इस क्षेत्र में किस कारण रेल कॉरिडोर बनने दें । इस विषय पर मैडम द्वारा कहा गया कि अगर रेल कारीडोर बनता है तो इस क्षेत्र में कई कोयला खदान खुलेंगे जिससे लोगों का विकास होगा ,परंतु ग्रामीण जानते हैं कि कोयला खदान आने से किस प्रकार की समस्याएं देखने को मिलता है इसीलिए ग्रामीणों ने साफ तरह से रेल कॉरिडोर का विरोध किया गया और कहा गया कि जल जंगल और जमीन इसकी रक्षा हम वर्षों से करते हुए आ रहे हैं और इसको हम विकास के नाम पर तबाह होने नहीं देंगे। जिस पर एसडीएम मैडम का कहना है कि जंगल सरकार की संपत्ति है इस पर ग्रामीणों का कोई अधिकार नहीं है जबकि छत्तीसगढ़ में वन अधिकार पत्र के तहत हजारों लाखों एकड़ जमीन क्षेत्रवासियों को संरक्षित एवं संवर्धित करने के लिए दिया गया है और इस क्षेत्र में भी पूर्व में सामुदायिक वन प्रबंधन के लिए जंगल की भूमि को मांगा गया था लेकिन आज पर्यंत तक इस पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं हुई है इस पर जब लोगों द्वारा पूछा गया तो एसडीएम मैडम ने टालमटोल कर इस मामले को अनसुना कर दिया।
पेलमा क्षेत्र कोयला खदान प्रस्तावित क्षेत्र है और लोग चाहते हैं कि अगर देश के विकास के लिए क्षेत्र के विकास के लिए कोयला खदान अति आवश्यक है तो सबसे पहले कोयला खदान मैं जिसकी जमीन उसकी खनिज के तहत कोयला खदान में कोयला खोदने की अनुमति ग्रामीणों को दिया जाए और जिसके लिए रॉयल्टी ग्रामीण भरेंगे अगर किसी कंपनी या सरकार इस पर कोयला खोजना चाहती है तो ग्रामीणों का कहना है कि जिस तरह से गांव बसा हुआ है उसी तरह से पुनः दूसरी जगह विस्थापित कर इन ग्रामीणों को इस तरह का गांव में बसाया जाए जहां बिजली पानी शिक्षा स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाएं अभी वर्तमान में है उसी तरह वह भी हो और जिस प्रकार से जंगल उस क्षेत्र में है उसी तरह से जहां इनको विस्थापित किया जाए वहां भी इसी तरह का जंगल हो यह सब बातें करने पर एसडीएम रिचा ठाकुरद्वारा टालमटोल कर वहां से मीटिंग समाप्त कर चली गई।