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पति-पत्नी के झगड़े का बच्चियों पर न पडऩे दे असर-अध्यक्ष राज्य महिला आयोग डॉ.किरणमयी नायक

आपसी विवाद में अलग-अलग रह रहे थे पति-पत्नी आयोग की समझाईश पर हुआ सुलह, राजी-खुशी गये अपने घर

रायगढ़।छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ.किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज कलेक्टोरेट के सृजन सभाकक्ष में जिले से प्राप्त प्रकरणों पर सुनवाई की गई। आज प्रदेश स्तर की 179 वीं एवं रायगढ़ जिले में चौथी सुनवाई थी। जिसमें कुल 36 प्रकरणों पर सुनवाई की गई। जिसमें से 22 प्रकरणों को नस्तीबद्ध किया गया एवं 4 प्रकरणों को रायपुर सुनवाई हेतु ट्रांसर्फर किया गया है। इस दौरान आयोग की सदस्य श्रीमती अर्चना उपाध्याय भी साथ उपस्थित रही।

आयोग की सुनवाई में एक ऐसा प्रकरण सामने आया जिसमें पति-पत्नी एक ही घर में रह तो रहे है लेकिन दोनों के बीच प्राय: लड़ाई-झगड़ा होती रहती है। दोनों पक्षों को आयोग के द्वारा समझाने का बहुत प्रयास किया गया। लेकिन आवेदिका संतुष्ट नहीं हो पायी। आयोग ने कहा कि आपके लड़ाई-झगड़े के कारण आपके बच्चियों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है, जिसकी वजह से आगे चलकर उनका कैरियर खराब हो सकता है। क्योंकि बच्चियां तो आप दोनों की है। फिर भी महिला नहीं मानी। अनावेदक अपने वेतन से उसके घर खर्चे के लिए रूपये भी दे रहा है, लेकिन फिर भी पत्नी खुश नहीं है। जिसकी वजह से मामला जिला में निपटारा नहीं हो पाया और आगामी 5 जुलाई को रायपुर आयोग कार्यालय में उपस्थित होने के निर्देश दिए। इसी तरह एक अन्य प्रकरण में पति-पत्नी शादी के कुछ ही दिन पश्चात आपसी मनमुटाव की वजह से अलग-अलग रह रहे थे। उक्त प्रकरण आयोग में आने के पश्चात दोनों को समझाईश दी गई और मामला का सुलह हो गया। आज दोनों पति-पत्नी खुशी-खुशी अपने घर को लौट गई।

एक प्रकरण में मां की मृत्यु पश्चात आवेदिका उसकी पुत्री द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति के संबंध में आवेदन लगायी थी। लेकिन विभाग द्वारा उसे अपात्र घोषित करते हुए अनुकम्पा नौकरी प्रदान नहीं किया जा रहा था। जिसके कारण आवेदिका ने आयोग में सुनवाई हेतु आवेदन किया था। जिस संबंध में आयोग द्वारा अनावेदक को गजट नोटिफिकेशन पावती लेकर सुनवाई में उपस्थित होने हेतु निर्देशित किया गया था। अनावेदक द्वारा संंबंधित दस्तावेज लेकर नहीं आने पर आयोग द्वारा निर्देशित किया गया कि नियमानुसार आवेदिका को चतुर्थ श्रेणी में भर्ती करने की पात्रता दी जाए। उक्त प्रकरण को विशेष मानते हुए आयोग द्वारा अनुशंसा की गई कि तत्काल प्रभाव से आवेदिका को चतुर्थ श्रेणी भृत्य पद पर नियुक्ति प्रदान करें तथा आदेश दिनांक 14 जून 2023 को महिला आयोग कार्यालय रायपुर में उपस्थित किया जाए, जिसके आधार पर प्रकरण को नस्तीबद्ध किया जा सके। इसी प्रकार एक अन्य पिछले प्रकरण में उकिया देवी नर्सिंग कालेज के संस्थापक को आयोग के निर्देश का पालन करने सुनवाई में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए थे किन्तु नर्सिंग कालेज के संस्थापक द्वारा उसका पालन नहीं किया गया। ऐसी दशा में आयोग द्वारा थाना पुसौर रायगढ़ के पुलिस निरीक्षक के माध्यम से रायपुर की अगली सुनवाई में उपस्थित कराने के निर्देश दिए गए। है।

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