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सादर श्रद्धांजलि -गोपी नाथ मिश्रा
आप हमेशा ट्रेड यूनियन की चेतना में रहेंगे

सादर श्रद्धांजलि -गोपी नाथ मिश्रा
आप हमेशा ट्रेड यूनियन की चेतना में रहेंगे

ट्रेड यूनियन हमेशा अपने प्रेरणा पुंज की धरोहर की तरह सहज कर रखेगा।

अन्याय के खिलाफ सर उठाकर,सीना तानकर, मुट्ठी बांध कर और अन्यायियों के आंख में आंख डालकर सदैव लड़ते रहना यही मनुष्य होने की सही पहचान है


गोपी नाथ मिश्रा के निधन होने की सूचना से शिक्षा जगत सहित उत्कल समाज और ट्रेड यूनियन में दुख की लहर छा गई।गोपी नाथ मिश्रा जी उत्कल समाज के एक शालीन सभ्य और चिंतनशील व्यक्ति थे ।उत्कल समाज ने रायगढ़ को एक से बढ़कर एक प्रतिभावान व्यक्तित्व से समृद्ध और गौरवान्वित किया है। जब मैं गोपीनाथ मिश्रा के शिक्षकीय जीवन और उस स्कूल की तरफ देखता हूं तो स्मृति ऋषितुल्य प्राचार्य श्रद्धेय षड़ंगी जी को याद कर मेरा मस्तक श्रद्धा से झुक जाता है और मन भाव विभोर हो जाता है। जहां संस्कार,सभ्यता अनुशासन, नैतिक मूल्य,समाज,आदर्श आचरण और उन्नत शिक्षापद्धति का समुचित समन्वय अद्वितीय था।

गोपी नाथ मिश्रा उसी गुरुकुल या स्कूल के शिक्षक थे।अनुशासन और सामाजिक चिंतन यहां से ज्यादा पुष्पित पल्लवित हुई।जिस मोहल्ले रामगुड़ी पारा और उससे जुड़ा हुआ बोहिदार पारा में पले बढ़े वहां स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों से लेकर प्रतिष्ठित शिक्षक, वकील,प्रोफेसर,डॉक्टर्स, जज,लेखक,पत्रकार,समीक्षक,चिंतक,
विद्वान समाज व देश को दिशा देने,नेतृत्व देने वालों की बहुलता थी। चिंतकों, बुद्धिजीवियों,और राजनैतिक चेतना के विचार विमर्श का केंद्र रहा है। ज्यादतर साम्यवादी समाजवादी चिंतन और विचारधारा के पक्षधर थे। चौक का नामकरण भी ‘ लेनिन’ चौक था (गांजा के शासकीय बिक्री केंद्र होने के कारण उसे गांजा चौक कहा जाने लगा)। इन सब माहौल का बहुत प्रभाव गोपी नाथ मिश्रा के व्यक्तित्व पर पड़ा।एक ट्रेड यूनियन लीडर के रूप में गढ़ा।जहां भी सर्वहारा श्रमिक वर्ग,दलित,शोषित ,वंचितों पर अन्याय देखते वे उसका पुरजोर विरोध किया करते थे।सफाई कर्मचारियों को उनका हक दिलाने हेतु उन्होंने कई बड़े बड़े आंदोलन किए। ट्रेड यूनियन का नेतृत्व भी किया।ट्रेड यूनियन को आपका बहुमूल्य नेतृत्व और मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। मुझे वे हमेशा कहते गणेश तुम पीछे नहीं हटना।अन्याय के खिलाफ सर उठाकर,सीना तानकर, मुट्ठी बांध कर अन्यायियों और शोषकों के आंख में आंख डालकर सदैव लड़ते रहना यही सामाजिक मनुष्य होने की सही पहचान है।साथ पीछे कोई रहे या न रहे एकला सही पर चलते रहना। गोपी नाथ मिश्रा जी हमलोगो ने बहुत कुछ सीखा और बहुत कुछ पाया।

गोपी नाथ मिश्रा जी ट्रेड यूनियन आंदोलन को गति प्रदान करने तथा सर्वहारा श्रमिक वर्ग के लिए सदैव सजग रहने वाले कर्मयोगी शिक्षाविद रहे हैं । आपके अतुलनीय योगदान को ट्रेड यूनियन हमेशा अपने प्रेरणा पुंज की धरोहर की तरह सहज कर रखेगा।कामरेड आप हमेशा ट्रेड यूनियन की चेतना में रहेंगे।असंख्य लाल सलाम।इंकलाब ज़िंदाबाद। साथी गोपीनाथ अमर रहे।तुम ना रहे इसका गम है मगर लाल झंडा लेकर कामरेड आगे बढ़ते जाएंगे।।सादर श्रद्धांजलि।

गणेश कछवाहा
अध्यक्ष
ट्रेड यूनियन काउंसिल,
रायगढ़ छत्तीसगढ़।
94255 72284


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